प्रायोगिक कार्य / प्रोजेक्ट कार्य क्यों आवश्यक ?
कक्षा 9 वीं से 12 वीं के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी
सभी स्टूडेंट्स चाहे जिस भी कक्षा में पढ़ते हो प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट शब्दों से परिचित होगें ? कुछ वर्ष पूर्व तक कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के स्टूडेंट्स केवल विज्ञान सबंधी विषयों में प्रैक्टिकल कार्य करते थे किन्तु अब सभी कक्षावों के उन सभी विषयों के लिए लिए प्रोजेक्ट कार्य अनिवार्य कर दिया गया हैं जिनमें वे प्रैक्टिकल कार्य नहीं करते थे ? जैसे हिन्दी विषय के लिए विद्यार्थी प्रैक्टिकल कार्य नहीं करते थे तो इस विषय के लिए प्रोजेक्ट कार्य अनिवार्य कर दिया गया है
अब महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि हम प्रोजेक्ट कार्य / प्रैक्टिकल कार्य करते क्यों हैं? अथवा यह केवल खानापूर्ति मात्र है?
तो चलिए सबसे पहले बात करते है-
" कक्षा 9 वीं से 12 वीं" तक प्रोजेक्ट कार्य करने वाले विद्यार्थिओं को लाभ -
1. ज्ञान की व्यावहारिक समझ -
प्रोजेक्ट कार्य छात्रों के सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक परिस्थितियों में में लागू करने की वास्तविक समझ विकसित करता है, जिससे कक्षा में सीखी गई अवधारणाओं की उनकी समझ बढ़ती है।
2. आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान कौशल का विकास -
प्रोजेक्ट कार्य करने से छात्र जानकारी का विश्लेषण करना, गंभीर रूप से सोचना और समस्याओं को हल करना सीखते हैं,
जो विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों को वास्तविक दुनिया की स्थितियों में लागू होने से उनमें आवश्यक कौशल का विकास
होता है . प्रोजेक्ट कार्य एक प्रकार से समस्या का अपने तरीके से समाधान भी है .
3. अनुसंधान कौशल विकास-
परियोजनाओं में अक्सर अनुसंधान की आवश्यकता होती है, जिससे छात्रों को जानकारी एकत्र करने, मूल्यांकन
और उद्धरण सहित प्रभावी अनुसंधान कौशल विकसित करने में मदद मिलती है। इस रूप में प्रोजेक्ट कार्य आवश्यक है .
4. सहयोग और टीम वर्क-
प्रोजेक्ट कार्य खासकर समूह प्रोजेक्ट कार्य आपसी सहयोग और टीम वर्क को बढ़ावा देती हैं, छात्रों को दूसरों के
साथ प्रभावी ढंग से काम करना, जिम्मेदारियां साझा करना और एक सामान्य लक्ष्य में योगदान करना सिखाती हैं।
5. समय प्रबंधन-
प्रोजेक्ट कार्य एक निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने होते हैं लिहाज़ा विद्यार्थी अवचेतन रूप में समय सीमा में कार्य पूर्ण कर प्रोजेक्ट को जमा कर समय प्रबन्धन को सीखते हैं .
6. संचार कौशल में सुधार-
प्रोजेक्ट कार्य करते समय विद्यार्थी एक दूसरे के संपर्क में आकर आपसी संवाद करते हैं जिससे उनके आपसी वार्तालाप का स्तर सुधरता है और संचार कौशल का विकास होता हैं
7 . वास्तविक दुनिया की समझ -
प्रोजेक्ट कार्य को वास्तिवक दुनियां की समझ के विकास के उद्देश्य से डिजाइन किया जाता है इसीलिये प्रोजेक्ट कार्य करने से वास्तविक दुनियां की कठिनाइयों को सही तरीके से हल करने की समझ विकसित होती है साथ ही भविष्य में वे इस प्रकार के किसी भी कार्य को करने में अपने आप को सक्षम बना पाते हैं .
8. व्यक्तिगत रुचिओं का विकास -
प्रोजेक्ट कार्य विद्यार्थी की व्यक्तिगत रुचिओं का विकास करने में सहायक हैं छात्र आगामी जीवन में अपनी रूचि के अनुरूप अपना व्यक्तिगत क्षेत्र विकसित कर पाते हैं .
9. विषयों की गहन समझ का विकास -
प्रोजेक्ट कार्य करने से स्टूडेंट्स की विषयों के गहन समझ विकसित होती हैं .
10. उच्च शिक्षा व् कैरियर चयन में मदद -
प्रोजेक्ट कार्य विद्यार्थी को आगे बढ़ने में मदद करते हैं उनमे उच्च शिक्षा व् करियर के प्रति समझ का विकास होता है .
इस प्रकार प्रोजेक्ट छात्रों की क्षमताओं का समग्र मूल्यांकन प्रदान करती हैं, जिसमें अनुसंधान कौशल, विश्लेषणात्मक सोच, रचनात्मकता और प्रस्तुति कौशल शामिल हैं, जो पारंपरिक परीक्षाओं की तुलना में अधिक व्यापक मूल्यांकन प्रदान करते हैं।
संक्षेप में, हाई स्कूल के वर्षों के दौरान परियोजना कार्य न केवल शैक्षणिक ज्ञान को मजबूत करता है बल्कि शिक्षा और कार्यबल में भविष्य की सफलता के लिए आवश्यक हस्तांतरणीय कौशल की एक श्रृंखला भी विकसित करता है।
क्या प्रोजेक्ट कार्य केवल कॉपी करना सिखाता है ?
ऊपर के विवेचन से स्पष्ट है प्रोजेक्ट कार्य करने के क्या लाभ हैं किन्तु बहुत से विद्यालयों में प्रोजेक्ट के नाम पर स्टूडेंट्स को केवल कॉपी करना सिखाया जाता हैं जिससे विद्यार्थी भी आगे चलकर प्रोजेक्ट का आशय केवल कॉपी करना समझ लेते हैं . यह उन हज़ारों विद्यर्थियो के भविष्य के साथ खिलवाड़ है जिन्हें प्रोजेक्ट कार्य से के नाम पर केवल कॉपी पेस्ट सिखाया जाता है . विध्यार्थीओं में श्रेष्ठ कौशलों का विकास करना शिक्षकों का दायित्व है . विध्यार्थीओं को भी प्रोजेक्ट कार्य को पूरी गंभीरता के साथ करना चाहिए .
प्रायोगिक कार्य क्यों ?
जिस प्रकार प्रोजेक्ट कार्य स्टूडेंट्स को व्यावहारिक जीवन की कठिनाइयों के वास्तविक समाधान को ढूढने में मदद कर कई प्रकार के कौशलों के विकास में मदद करता हैं उसी प्रकार प्रायोगिक कार्य भी वास्तविक परिस्थितियों में किस प्रकार कार्य किया जाता है , विषय की समझ , नवाचार , गहन चिंतन आदि के विकास में भी अत्यंत सहयोगी है . प्रक्टिकल कार्य भी कॉपी की नकल करना नहीं है बल्कि यह खुद करके सीखने में अत्यंत सहयोगी है . एक श्रेष्ठ और स्किल्ड नागरिकों के रूप में स्टूडेंट्स के विकास में शिक्षक की भूमिका एक अच्छे कोच की तरह है जिसमें शिक्षकों को खरा उतरना ही चाहिए .
इस प्रकार आप समझ गए होंगे कि कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक प्रोजेक्ट / प्रायोगिक कार्य का उद्देश्य केवल अधिकतम अंक प्राप्त करना नहीं बल्कि इस कार्य के निहित उदेश्यों की पूर्ति है . जिसे आप स्कूली जीवन में ही प्राप्त कर सकते हैं .
नोट - सत्र 2023 -24 हेतु कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के विद्यार्थिओं के लिए सभी विषयों की सभी तरह की शैक्षणिक सामग्री जिसमे ब्रिज course , ब्लू प्रिंट , रेमेडियल सामग्री , प्रश्न बैंक सभी विषयों के अभ्यास प्रश्न पत्र , वीडियो सामग्री आदि लोक शिक्षण संचालनालय bhopal , एवम माध्यमिक शिक्षा मंडल से जारी सभी निर्देश इस शैक्षणिक वेबसाईट पर उपलब्ध रहेगी .
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