सभी को नमस्कार
मध्य प्रदेश में प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय विभाग हेतु सीएम राइस विद्यालय योजना नाम से विद्यालय प्रारंभ किए जाने की एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की है इस पोस्ट को पढ़कर आप जान सकेंगे
सीएम राइस विद्यालय योजना क्या है इसका उद्देश्य क्या है विद्यार्थियों के लिए यह किस प्रकार से उपयोगी है आमजन के लिए भी यह योजना किस प्रकार से उपयोगी है शिक्षकों के लिए इस योजना के क्या मायने हैं क्या शिक्षकों को इस योजना के अंतर्गत विद्यालयों में बने रहना
चाहिए या नहीं |
तो चलिए सबसे पहले यह जानते हैं कि सीएम राइज योजना क्या है
पृष्ठ भूमि-
मध्य प्रदेश सरकार का मानना है कि प्रदेश में प्राथमिक माध्यमिक उच्चतर माध्यमिक स्तर पर लगभग एक लाख के आसपास विद्यालय संचालित हैं इनमें से उच्च स्तर की गुणवत्ता वाले विद्यालयों की संख्या बहुत कम है अधिकतर विद्यालयों का गुण बताएं स्तर विद्यार्थियों के सीखने का स्तर और परीक्षा परिणाम आदि संतोषजनक नहीं है और ऐसा मानने के पीछे सरकार के कई आधार हैं जैसे कि वर्ष 2017 में भारत सरकार द्वारा कराए गए नेशनल अचीवमेंट सर्वे में मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर 17 वां स्थान प्राप्त हुआ इसी प्रकार से मध्यप्रदेश सरकार का मानना है कि कक्षा 1 में दर्ज होने वाले 100 विद्यार्थियों में से बमुश्किल 60-65 विद्यार्थी कक्षा आठवीं तक पहुंच पाते हैं इसी प्रकार से कक्षा दसवीं बोर्ड की परीक्षा तक बमुश्किल 20 से 25 विद्यार्थी पहुंचते हैं एवं कक्षा बारहवीं बोर्ड की परीक्षा से बमुश्किल 15 से 20 विद्यार्थी पास होते हैं इसका तात्पर्य यह हुआ कि
कक्षा एक में यदि 100 विद्यार्थी दर्ज होते हैं तो कक्षा बारहवीं तक बमुश्किल से 20 विद्यार्थी पास होकर निकल पाते हैं इस प्रकार से लगभग 80% विद्यार्थी बीच में ही विभिन्न कारणों से अपनी पढ़ाई को आगे जारी नहीं रख पाते हैं और छोड़ कर चले जाते हैं यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक कही जा सकती है
इसके साथ ही प्रदेश के प्राथमिक माध्यमिक व उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों की बात करें तो लगभग एक लाख शासकीय विद्यालयों में एक करोड़ के आसपास विद्यार्थी दर्ज हैं किस प्रकार प्रति विद्यालय औसतन 100 विद्यार्थी दर्ज हैं जिनके ऊपर प्रति विद्यार्थी अत्यधिक वह करने के बाद भी उनकी गुणवत्ता में अपेक्षित स्तर का सुधार नहीं हो पा रहा है। उक्त कारणों के अतिरिक्त इन विद्यालयों की ठीक प्रकार से मॉनिटरिंग ना हो पाना एवं दूर-दराज के हिस्सों में भी प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय स्थित होने के कारण इन बच्चों तक शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित ना हो पाना आदि अन्य कारण भी हैं जिससे प्रदेश की गुणवत्ता का स्तर न्यूनतम बना हुआ है
सीएम राइस विद्यालय योजना
नई शिक्षा नीति के अनुक्रम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा एक सर्व संसाधन संपन्न विद्यालयों की स्थापना की एक कार योजना बनाई गई है इसके अंतर्गत एकीकृत रूप में केजी से कक्षा बारहवीं तक के विद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया है जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता एवं अधोसंरचना में सुधार किया जा सके जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा एवं विद्यार्थियों के अंतरण दर में वृद्धि हो सकेगी।
योजना का उद्देश्य
इस योजना अंतर्गत विद्यालय इस तरह से स्थापित किए जा रहे हैं ताकि लगभग 15 किलोमीटर की बसाहट में एक उच्च गुणवत्ता युक्त विद्यालय विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हो सके इन सर्व संसाधन संपन्न विद्यालयों की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार से हो सकती हैं
सर्व सुविधा एवं संसाधन युक्त अधोसंरचना
पर्याप्त एवं दक्ष स्टाफ की व्यवस्था
गुणवत्ता युक्त स्मार्ट क्लासेस सभी प्रकार की प्रयोगशलाएं
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु खेलकूद संगीत कला आदि की सुविधा
कक्षा एक के साथ-साथ पूर्व प्राथमिक अर्थात एलकेजीव् यूकेजी की कक्षाएं
एलकेजी से ही अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा
व्यवसायिक शिक्षा नैतिक शिक्षा योग शिक्षा आदि
संभागीय स्तर पर स्वीमिंग पुल , आदि की
इस प्रकार उपरोक्त अनुसार सर्व संसाधन संपन्न एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में आगामी 10 वर्षों में लगभग 9000 सीएम राज विद्यालयों की स्थापना की जानी है जिसमें से प्रथम चरण में लगभग 350 विद्यालय जिनमें 255 विद्यालय स्कूल शिक्षा विभाग एवं 95 विद्यालय जनजातीय विभाग के विद्यालय सम्मिलित हो सकते हैं ,इनको खोलने का लक्ष्य रखा गया है।
इन विद्यालयों के लिए नवीन भवन निर्माण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 5 से 10 करोड़ के बीच राशि खर्च की जा सकती है .यह नवीन भवन चयनित विद्यालयों के स्थान या आसपास निर्मित किये जा सकते हैं एक ही कैंपस में प्राथमिक , माध्यमिक , उच्च माध्यमिक विंग होंगे . सम्पूर्ण कैम्पस 2 से 10 एकड़ तक के रहने की संभावना है
सीएम राइज विद्यालय हेतु पद संरचना- इन विद्यालयों हेतु निम्नानुसार पद संरचना सृजित किए जाने की संभावना है
प्राचार्य 1
उपप्राचार्य 1
प्रधानाध्यापक माध्यमिक स्तर। 1
प्रधानाध्यापक प्राथमिक स्तर। 1
उच्च माध्यमिक शिक्षक - 20 से 25
माध्यमिक शिक्षक - 10 से 15
प्राथमिक शिक्षक 5 से 8
प्री प्राथमिक शिक्षक। 2 से 4
इसके अतिरिक्त
प्रयोगशाला सहायक 3 से 5
कंप्यूटर शिक्षक 1-2
खेलकूद शिक्षक 3 -4
संगीत शिक्षक 1-2
पुस्तकालय शिक्षक 1-2
डांस शिक्षक 1
फाइन आर्ट शिक्षक 1
कैरियर काउंसलर 1
मनोवैज्ञानिक 1
स्पेशल एजुकेटर। 1
एस्टेट मैनेजर 1
सहायक स्टाफ में
ऑफिस असिस्टेंट 2 से 3
डाटा एंट्री ऑपरेटर 2 से 3
अकाउंटेंट 1
ट्रांसपोर्ट कोऑर्डिनेटर 1
आदि पद सम्मिलित किए जाने की संभावना है।
इन विद्यालयों में शिक्षक छात्र अनुपात 1:40 का होने की संभावना है इसका आशय यह समझा जा सकता है कि लगभग 1000 विद्यार्थियों पर 35 से 40 सदस्यों का शैक्षणिक स्टाफ हो सकता है।
साथ ही 15 से 20 का अन्य सहयोगी स्टाफ हो सकता है।
विद्यार्थियों के लिए सीएम राइज विद्यालयों का आशय व महत्व
वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिला मुख्यालय पर स्थित उत्कृष्ट विद्यालयों छोड़कर प्रत्येक ब्लाक स्तर पर लगभग 1 विद्यालय को सीम राइज विद्यालय में चयनित किए जाने की संभावना है । ऐसे में विद्यार्थियों के लिए उनकी निवास से 15 किलोमीटर के दायरे में ही इन विद्यालयों का खोला जाना बेहद उपयोगी है क्योंकि इन विद्यालयों की सीएम राइज विद्यालय के रूप में चयनित किए जाने की स्थिति में उन्हें
1. अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने की सुविधा प्राप्त हो सकेगी
2. परिवहन की सुविधा प्राप्त होने की पूरी संभावना है
3. NEET, IIT, ओलंपियाड ,उत्कृष्ट वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में सहभागिता का ज्यादा बेहतर अवसर प्राप्त हो सकेगा।
4. नियमित योग व खेलकूद के लिए इनडोर व आउटडोर खेल सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी।
5. कला , विज्ञान , कृषि , कामर्स आदि संकायों में हिन्दी व् अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं .
(नोट - वर्तमान में इन विद्यालयों में आसानी से प्रवेश लिया जा सकता है किन्तु भविष्य में उत्कृष्ट विद्यालयों व् मॉडल स्कूलों की तरह प्रवेश के लिए कक्षा 6 से 12 वीं के लिए परीक्षा आयोजित की जा सकती है )
आमजन व अभिभावकों के लिए सीएम राइज योजना व इसका महत्व
दिन दिन महंगी होती जा रही शिक्षा से समाज का प्रत्येक वर्ग बेहद परेशान है ऐसी में सीएम राइज विद्यालय प्रत्येक आमजन व अभिभावकों के लिए एक आशा की किरण के समान है इन विद्यालयों के खुलने की स्थिति में
1.आमजन/अभिवावक LKG से ही अंग्रेजी माध्यम में विद्यार्थियों को दाखिला करा सकते हैं
2. छोटे बच्चों से लेकर बड़े विद्यार्थियों तक उनके निवास से विद्यालय तक लाने व लेजाने के लिए निशुल्क परिवहन सुविधा उन्हें प्राप्त हो सकती है
3. निजी विद्यालयों की तुलना में ना के बराबर फीस का भुगतान होना संभव है
4.LKG में प्रवेश करा देने के पश्चात बार-बार एडमिशन की झंझट से उन्हें मुक्ति प्राप्त हो सकेगी और विद्यार्थी एलकेजी से लेकर कक्षा बारहवीं तक एक ही विद्यालय में नियमित रूप से अध्ययन कर सकेगा।
5. परिवहन सुविधा प्राप्त होने से बालिकाओं की शिक्षा के लिए भी अभिभावकों को सहयोग प्राप्त हो सकेगा क्योंकि अभी बालिकाएं अक्सर साइकिलों से विद्यालय जाती हैं और साइकिल या अन्य कोई परिवहन की व्यवस्था ना होने के कारण वह विद्यालयों में नहीं पहुंच पाती हैं ऐसी में शासन द्वारा संचालित परिवहन व्यवस्था की जिम्मेदारी तय होने से बालिकाओं की संख्या में वृद्धि हो सकती है।
6. क्योंकि सीएम राइज विद्यालय ने सर्व सुविधा संपन्न एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को अपना महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किया है ऐसे में अभिभावकों को उनके बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए इन विद्यालयों से एक बेहतर अपेक्षा की जा सकती है।
शिक्षकों के लिए इस योजना के क्या मायने हैं
मध्य प्रदेश सरकार की स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रत्येक 3 या 4 वर्ष में कोई ना कोई नया प्रयोग किया जाता रहा है जैसे कि उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना मॉडल स्कूलों की स्थापना ( नोट- वास्तव में मॉडल स्कूल योजना एक केंद्र प्रवर्तित योजना रही है जिसे बाद में मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया) मिशन 1000 अंतर्गत विद्यालयों की स्थापना और इसी के अगले चरण में सी एम राइज विद्यालयों की स्थापना ऐसे में मध्यपदेश के शिक्षकों के लिए सामान्य अर्थों एक प्रकार से एक और योजना कही जा सकती है ,
हालांकि यह योजना पूर्व की अन्य योजनाओं से कुछ रूप में सर्वथा प्रथक है जैसे कि
एलकेजी से कक्षाओं का प्रारंभ होना पर्याप्त संख्या में पदों का सृजन ,परिवहन की सुविधा प्राप्त होना इत्यादि पर्याप्त बजट स्वीकृत हो ना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सर्व साधन संपन्नता।
उपरोक्त कुछ बिंदु शिक्षकों के लिए आकर्षक हो सकते हैं क्योंकि जो भी शिक्षक गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा या अच्छे विद्यार्थी व समाज के निर्माण के लिए कृत संकल्पित हैं उन सभी शिक्षकों के लिए यह एक बेहतर चुनौतीपूर्ण अवसर कहा जा सकता है। परंतु ऐसा भी नहीं है कि वर्तमान में शिक्षक जिन विद्यालयों में कार्य कर रहे हैं उन विद्यालयों में चुनौतियां कम है बल्कि उन विद्यालयों में भी विषम परिस्थितियों में वह बेहतर विद्यार्थी व समाज के निर्माण में रत हैं
क्या शिक्षकों को इन विद्यालयों में जाना चाहिए या नहीं- कहा जाता है कि सृजन और प्रलय शिक्षक की गोद में पलते हैं ऐसे में शिक्षक जहां भी है वहां भी वह सृजन कर सकता है किंतु वर्तमान आधुनिक समय में सर्व सुविधा संपन्नता की स्थिति में एक बेहतर भविष्य के निर्माण को करने में शिक्षकों को सुविधाएं प्राप्त हो सकती हैं ऐसे में उन शिक्षकों के लिए जो कि एक बेहतर वातावरण में भावी भविष्य का निर्माण करना चाहते हैं उन सभी के लिए यह विद्यालय एक अवसर हो सकते हैं
वैसे भी वर्तमान में शिक्षक जिन विद्यालयों में कार्यरत हैं उन विद्यालयों को ही सीएम राज्य विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है ऐसे में उन्हीं विद्यालयों में बने रहने या नवीन शिक्षकों को पद संख्या में वृद्धि होने के कारण उनमें जाने का उन्हें भी अवसर प्राप्त हो सकेगा
शिक्षक जिस रूप में वर्तमान में शिक्षा दे रहे हैं वह तो है ही ।एक अच्छे वातावरण , सर्व सुविधा व संसाधन संपन्न विद्यालयों प्राप्त होने पर वे और भी बेहतर तरीके से विद्यार्थियों के नवसृजन में मददगार साबित हो सकते हैं।
इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि शिक्षकों को भी उनके शैक्षणिक अभिवृद्धि के लिए इन विद्यालयों में जाने पर बेहतर अवसर प्राप्त हो वैसे भी जिस रूप में मध्य प्रदेश सरकार की सीएम राइज़ योजना है उसमें यह तय है कि आगामी भविष्य में जिन विद्यालयों में वे कार्यरत हैं उन विद्यालयों का भी सीएम राईज के रूप में चुना जाना लगभग तय है ऐसे में देर सवेर लगभग सभी शिक्षकों को इन विद्यालयों में ही आना होगा। इसके बाद भी शिक्षक ज्यादा अनुभवी होते हैं , वे किसी निर्णय को ज्यादा बेहतर ढंग से ले सकतें हैं ।
सी एम राइज के पहले पूर्व के विद्यालयों में कही भौतिक संसाधन अच्छे रहे तो ,मानव संसाधन की कमी दिखाई दी तो, कही मानव संसाधन पर्याप्त था तो भौतिक संसाधन की कमी रही है ,किन्तु सी एम राइज विद्यालयो में इन दोनों का ही संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है।
वर्तमान में सीएम राज विद्यालयों में उप प्राचार्य सहित शिक्षक चयन प्रक्रिया प्रचलित है आवेदन संबंधी प्रक्रिया की जानकारी के लिए कृपया नीचे क्लिक👇 करें
उप प्राचार्य ,व शिक्षक आवेदन विज्ञापन
आवेंदन हेतु लिंक 👇
प्राचार्य पद हेतु चयन मानदंड व् प्रक्रिया हेतु आवेदन शीघ्र जारी किया जा सकता है .
इसी प्रकार जनजातीय विभाग के सी एम् राइज विद्यालयों के लिए भी 15 सितम्बर तक विज्ञापन जारी हो सकता है
नोट- दी गई जानकारी शासन स्तर, स्कूल शिक्षा विभाग स्तर से प्राप्त सूचनाओं पर आधारित है वास्तविक जानकारी के लिए कृपया मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों को ही पूरी तरह से प्रमाणित माने।
2 टिप्पणियाँ
प्राचार्य के पद का उल्लेख नही है, क्या वह पद परीक्षा के लिये उपलब्ध नही है?
जवाब देंहटाएंनवीन शिक्षक ऊर्जा एवं योग्यता से भरे हैं और उटित रहता उन्हे प्राचार्य के रूप में भी कार्य करनें का अवसर प्राप्त होता !
योजना की सफलता के लिये शुभकामनाओं सहित !
संशोधन - कृपया 'उचित' पढ़ा जाय
हटाएंकमेंट करने के लिए आपका धन्यवाद